
#मोशी #अभियान द्वारा 91 करोड़ माननीय #मतदाताओं के लिए बनाए गए एक #डिजिटल #मंच पर #राजनीतिक कार्य प्रणाली को एक रचनात्मक रूप देने का प्रयास किया जा रहा है। ये नई रचनात्मक प्रणाली अधिक कारगर है और देश की संपत्ति को भी नुकसान नहीं पहुँचाती है। व्यक्ति या दल की किसी बात से सहमति न रखना और विरोध करना, लोकतंत्र की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। किन्तु इस प्रक्रिया के कई दोष भी सामने आए हैं जिसमे लोगो को प्रदर्शन और बंद के दौरान होने वाला कष्ट प्रमुख हैं। साथ ही कुछ उपद्रवी तत्वों द्वारा समाज और देश की संपत्ति को नुकसान पहुँचाना एक आम बात है। मोशी रचनात्मक समाधान की सोच का समर्थन करते हैं।
मोशी द्वारा बनाया गया माननीय मतदाता का मंच #प्रदर्शन और विरोध जताने की प्रक्रिया को सांकेतिक करने का सुझाव देता है – डिजिटल बंद के रुप में। ये प्रक्रिया कम कारगर कदापि भी नहीं है, अपितु ये बाज़ार या सड़क पे किये जाने वाले बंद से अधिक प्रभावशाली है क्योंकि एक तो ये डिजिटल होने के कारण अधिक लोगों की नज़र में आता है और दूसरा मोशी मंच के करोड़ों मतदाताओं को एक अवसर देता है कि वो भी अपना मत बंद के पक्ष में या विरोध में दें। राजनीतिक दल इस प्रक्रिया का लाभ अपनी रण शैली बनाने में कर सकते हैं। ये प्रक्रिया प्रभावशाली/कारगर होने के साथ-साथ कम खर्चीली भी साबित हुई है।